rajasthan ke prmukh kile durg part 1/राजस्थान के दुर्ग /राजस्थान के प्रमुख दुर्ग/Forts of Rajasthan/chittorgarh rajasthan/bhangarh rajasthan/kile
rajasthan ke prmukh kile durg
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*** चित्तोड़गढ़ का किला ***
* 7 - 8 वी शताब्दी में इस किले का निर्माण चित्रांगद मौर्य के द्वारा करवाया गया जो मोरी वंश का शासक था |
* यह मैसा के पठार पर स्थित है |
* क्षेत्रफल की दृष्टि से यह राजस्थान का सबसे बड़ा किला है | इसका क्षेत्रफल 13 km है |
* यह सैन्य दुर्ग का सर्वश्रेष्ट उदारण है |
* इसके बारे में कहा जाता है कि " गढ़ तो बस चितोड़गढ़ बाकी सब गठेय्या "
* इस किले में राणा कुम्भा का महल , रानी पद्मिनी का महल , गोरा बादल का महल व बनवीर का महल स्थित है |
* इस किले में जौहर कुण्ड स्थित है | जहाँ रानी पदमिनी ने जौहर किया था |
* यह राजस्थान का सबसे प्रसिध्द जौहर था यहां पर जौहर मेला लगता है |
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* यह राजस्थान का एक मात्र दुर्ग है जिसमे खेती कि जाती थी |
* इस किले में एक जल संयंत्र अरहट स्थित है |
* इस किले में पदमनी तलाब व चित्रांगद मौर्य तलाब स्थित है |
* इस किले में विजय स्तम्भ ( कीर्ति स्तम्भ ) व कीर्ति जैन स्तम्भ स्थित है |
* इस किले में कुम्भ श्यामजी का मंदिर , मीराबाई मंदिर , काली माता का मंदिर ,श्रृंगार चवरी का मंदिर , तुलजा भवानी का मंदिर , समिध्देश्वर महादेव मंदिर स्थित है |
* इस किले में मीराबाई के गुरु रैदास की छत्ररी स्थित है | cm वसुंधरा राजे ने यहां पर " रैदास का पेनोरमा " बनाने की घोषणा की |
* इस किले में भैरवपोल पर कल्ला राठौड़ की छत्ररी स्थित है |
* इस किले में मीरा महोत्सव का आयोजन किया जाता है |
* इस किले में हरामखोर बावड़ी स्थित है |
*** कुम्भलगढ़ ***
* इसका निर्माण महाराणा कुम्भा ने करवाया था |
* इसका वास्तुकार शिल्पीमंडन था |
* इस किले को कुंभल मेरु , कुंभल मेरन , महेंद्र व माहौर आदि नामों से जाना जाता है |
* इस किले की दीवार की लम्बाई 36 km तथा चौड़ाई 12 से 25 फिट है इसे राजस्थान की चीन की दीवार कहते है |
* इसके बारे में कहा जाता है कि इस पर चार घुड़सवार एक साथ चल सकते है तथा दो बैल गाड़ियां एक दूसरे को पार कर सकती है |
* इस किले का सबसे ऊपरी भाग कटारगढ़ कहलाता है | जो महाराणा कुम्भा का निवास स्थल था | इसी स्थान पर उसके पुत्र उदा ने उसकी हत्या की थी |
* महाराणा उदयसिंह का राजभिषेक इसी किले में हुआ |
* 1540 ई में महाराणा प्रताप का जन्म इसी किले में हुआ |
* इस किले में झाली रानी का महल ,मामादेव की बावड़ी , कुंवर पृथ्वीराज की छत्ररी स्थित है |
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*** आमेर का किला ( जयपुर ) ***
* इसका प्रारम्भिक निर्माण राजा भारमल ने करवाया जबकि इसका वर्तमान स्वरूप राजा मानसिंह द्वारा दिया गया |
* इस किले में विश्व का सबसे प्रसिध्द दरवाजा गणेश पोल स्थित है जिसका निर्माण मिर्जा राजा जयसिंह ने करवाया था |
* इस किले में शीश महल स्थित है जिसे कवि बिहारी ने " दर्पण - ए - धाम " कहा है इसे " जय मंदिर " भी कहते है |
* एल्डस हेक्सरे ने शीश महल के बारे में कहा है यह इटली के सिसली द्दीप के बघोरिया से भी सुन्दर है |
*इस किले में राजस्थान की सबसे बड़ी भूल - भुलैया स्थित है |
* इस किले में शीला देवी का मंदिर व जगत शिरोमणी का मंदिर स्थित है |
*यह किला बिल क्लिंटन के अवलोकन के कारण भी चर्चित रहा |
* 8 वी शताब्दी में इसका निर्माण जगत या जयंनत चौहान व रणधीर नामक दो राजकुमारों के द्वारा करवाया गया |
* यह एक एरन दुर्ग है |
* इसे नीचे से देखने पर कुछ भी दिखाई नहीं देता तथा ऊपर से देखने पर सब कुछ दिखाई देता है |
* इस किले में 1301 ई में रणथम्भोर का युध्द हुआ था उस समय शासक हम्मीर चौहान थे | जो अपने हट के लिये प्रसिध्द है उनकी पत्नी रंगदेवी ने जल जौहर किया था |
* इस किले में हम्मीर महल व सुपारी महल स्थित है |
* इस किले में राजस्थान का सबसे प्रसिध्द त्रिनेत्र गणेश मंदिर स्थित है |
*** सोनारगढ़ का किला ***
* यह एक एरन दुर्ग है |
* इसे नीचे से देखने पर कुछ भी दिखाई नहीं देता तथा ऊपर से देखने पर सब कुछ दिखाई देता है |
* इस किले में 1301 ई में रणथम्भोर का युध्द हुआ था उस समय शासक हम्मीर चौहान थे | जो अपने हट के लिये प्रसिध्द है उनकी पत्नी रंगदेवी ने जल जौहर किया था |
* इस किले में हम्मीर महल व सुपारी महल स्थित है |
* इस किले में राजस्थान का सबसे प्रसिध्द त्रिनेत्र गणेश मंदिर स्थित है |
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*** सोनारगढ़ का किला ***
* 1155 ई में इस किले का निर्माण भाटी शासक राव जैसल के द्वारा करवाया गया |
* यह पीले पत्थरो से निर्मित एक धान्वन दुर्ग है |
* इसे जैसाणगढ़ व त्रिकूटगढ़ भी कहते है |
* इस किले में जैसलू कुआं स्थित है | जिसका निर्माण भगवान श्रीकृष्ण अपने सुदर्शन चक्र के द्वारा किया था |
* इस किले में हस्त लिखित ग्रंथो का जिनभद्र सूरी भण्डार स्थित है |
* इस किले में बादल महल स्थित है जो दूर से देखने पर एक छोटे किले जैसा लगता है |
* इस किले में हरराज महल स्थित है जिसे विश्व धरोहर के लिये किले नामित किया जा चूका हैं |
* इसका प्राचीन नाम डोडगढ़ था क्योकि इसका प्रारम्भिक निर्माण डोड परमार शासको ने करवाया था बाद में इसका नाम बदलकर धोलारगढ़ व गर्गराटपुर रखा गया |
* खींची वंश के शासक देवनसिंह ने इसका वर्तमान स्वरूप दिया व नाम बदलकर गागरोन रखा |
* इस किले के परकोटे को " जालिमकोट " कहते है |
* इस किले में संत पीपा / प्रतापसिंह का जन्म हुआ था जो दर्जी समुदाय के आराध्य देव है |
* इस किले पर महमूद खिलजी --1 ने आक्रमण कर एक छोटे किले का निर्माण करवाया था उसका नाम " महमूदाबाद " रखा |
* इस किले में ओरंगजेब द्वारा निर्मित बुलन्द दरवाजा स्थित है |
* इस किले के सबसे पीछे के भाग को गिद्धकराई के नाम से जाना जाता है | जहाँ कैदियों को मृत्युदण्ड दिया जाता था |
* इस किले में गागरोनी तोता या हीरामन जाति का तोता पाया जाता है जो मानव की तरह बोलता है | इसे टुईया तोता व हिन्दुओ का आकाश लोचन भी कहते है |
* 1570 ई में इस किले का निर्माण अकबर के द्वारा करवाया गया |
* इसे अकबर का किला व अकबर का दौलतखाना भी कहते है |
* हल्दी घाटी युध्द की व्यूहरचना इस किले में तैयार की गयी थी |
* जहांगीर ने अपना दरबार इस किले में लगाया था व न्याय की जंजीर लगवाई थी |
*1616 ई में जेम्स प्रथम का राजदूत सर टॉमस रॉ जहांगीर से इस किले में आकर मिला था |
* वर्तमान में " राजपुताना संग्रहालय " इस किले में स्थित है |
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*** मेहरानगढ़ का किला ***
*1459 ई में इस किले का निर्माण राव जोधा के द्वारा करवाया गया |
* ऐसी मान्यता है की इस किले की नींव करणीमाता ने रखी थी |
* इस किले की नींव में राजिया नामक व्यक्ति की बलि दी गयी थी |
* इस किले में " चौखेलाव महल " स्थित है | जो ब्रिटेन के प्रिंस चाल्सॅ व उनकी पत्नी कैमिला पार्कर के अवलोकन के कारण चर्चित रह चूका है |
* इस किले में " फूलमहल " व " चामुण्डा माता का मंदिर " भी स्थित है |
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*** भटनेर का किला (हनुमानगढ़ )***
* इसका निर्माण 3 शताब्दी में भाटी राजा भूपत के द्वारा करवाया गया |
* यह घग्घर नदी के किनारे स्थित एक धान्वत दुर्ग है |
* तैमूर लंग ने अपनी आत्मकथा तुजुक - ए - तैमूर में लिखा है की -" मैने पुरे भारत वर्ष में इतना मजबूत और सुरक्षित किला कही और नहीं देखा |
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*** नाहरगढ़ का किला ( जयपुर ) ***
* इसका प्रारम्भिक निर्माण सवाई जयसिंह - २ के द्वारा करवाया गया |
* जबकि वर्तमान स्वरूप रामसिंह - २ के द्वारा दिया गया |
* नाहरसिंह भौमिया के नाम पर इसका नाम नाहरगढ़ रखा गया |
* इसे रणथम्भोर दुर्ग का छोटा भाई भी कहते है |
* इसे जयपुर शहर की ओर झांकता हुआ किला भी कहते है |
* इसे जयपुर का मुकूट भी कहते है |
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*** जयगढ़ का किला ( जयपुर ) ***
* पोथीखाने के अनुसार इसका वर्तमान स्वरूप सवाई जयसिंह -२ द्वारा दिया गया |
* इस दुर्ग में तोप ढालने का कारखाना था |
* इस दुर्ग में एक अन्तः दुर्ग स्थित है जिसे विजयगढ़ी कहते है |
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*** तारागढ़ का किला ( अजमेर ) ***
* 1113 ई में इस किले का निर्माण अजराज चौहान के द्वारा करवाया गया |
* इसे पहले गढ़ बीठली के नाम से जाना जाता था लेकिन मेवाड़ पृथ्वीराज ने अपनी पत्नी ताराबाई के नाम इसका नाम बदलकर तारागढ़ रखा |
* इस किले में रूठी रानी का महल स्थित है |
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*** लोहागढ़ का किला ( भरतपुर ) ***
* 1733 ई में इस किले का निर्माण महाराजा सूरजमल ( जाटो के अफलातून ) के द्वारा करवाया गया |
* यह एक अजय दुर्ग है |
* इसे अंग्रेज अधिकारी लार्ड लेक भी नहीं जीत सका |
* यह एक पारिख दुर्ग है जिसके चारो ओर गहरी -गहरी खाईयाँ है जिसमे मोती झील व सुजान गंगा नहर से पानी भरा जाता था |
* इस किले में जवाहर भुज व फतेह भुज विशेष आकर्षण का केंद्र है |
* इस किले में अष्ट धातु का एक दरवाजा स्थित है जिसे महाराजा जवाहरसिंह दिल्ली के लाल किले से उखाड़कर लाये थे |
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*** कोटा का किला ***
* इसका निर्माण जैत्रसिंह ने कोटिया भील पर विजय प्रतीक के रूप में करवाया था |
* इसे किले के परकोटे के बारे में कर्नल जेम्स टॉड ने कहा है कि अगर आगरा के किले के परकोटे को छोड़ दिया जाये तो भारत के किसी भी किले का परकोटा कोटा किले के परकोटे जितना बड़ा नहीं है |
* इस किले में झाला हवेली स्थित है | जो अपने भित्ती चित्रण के लिये प्रसिध्द है |
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*** सज्जनगढ़ का किला ( उदयपुर ) ***
* इसका निर्माण महाराणा सज्जनसिंह ने करवाया था |
* इसे उदयपुर का मुकूट मणि भी कहते है |
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*** जूनागढ़ का किला ( बीकानेर ) ***
* इसका निर्माण 1588 - 94 ई में महाराजा रायसिंह के द्वारा करवाया गया |
* यह एक धान्वन दुर्ग है |
* जिसे जमीन का जेवर भी कहते है |
* यह हिन्दू , मुगल एवम यूरोपीय स्थापत्य कला का मिश्रण है |
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